The importance of time hindi story
समय का महत्व
THE IMORTANCE OF TIME |
एक समय की बात है एक जंगल में गुरुजी अपने शिष्यों के साथ रहा करते थे | उनके शिष्य उनका काफी आदर करते थे | लेकिन एक शिष्य जिसका नाम था रमेश वो बड़ा ही आलसी था | वो हमेशा ख्यालों में खोया रहता था हर काम को कल पर टाल देता था | रमेश के गुरुजी इस बात से काफी नाराज रहते थे | वो चाहते थे की रमेश अपने इस बुरी आदत को छोड़ दे लेकिन आप तो जानते ही हैं कोई भी बुरी आदत इतनी आसानी से कहां छूटती है |
तो गुरुजी ने सोचा की रमेश का कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा एक दिन गुरुजी ने रमेश को एक काले रंग का पत्थर दिया और कहां की रमेश इस पत्थर से तुम जो भी चीज को छू दोगे वो सोना बन जाएगी ये पत्थर काफी कीमती है | ये गलत हाथों में नहीं पड़ना चाहिए इसीलिए इसकी जिम्मेदारी मैं तुमको देकर जा रहा हूं | मुझे नगर के राजा का बुलावा आया है मुझे उनके यहां एक यज्ञ करने जाना है मैं आज शाम तक लौट आऊंगा लेकिन तब तक तुम्हें इस पत्थर की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेनी पड़ेगी |
रमेश
ने जैसे ही उस काले पत्थर के बारे में ये सुना की जैसे ही इस पत्थर को किसी चीज
से छू दिया जाए वो चीज
सोने की बन जाती है | लालच में आकर रमेश ने तुरंत हामी भर दी
गुरु जी वहां से चले गए अब रमेश अपनी कुटिया में जाकर ख्यालों में खो गया वह तरह
तरह की कल्पनाएं करने लगा की इस चीज से मैं तरह-तरह के सोने के आभूषण बनाऊंगा हर
चीज को सोने में बदल दूंगा मैं कितना ज्यादा धनवान हो जाऊंगा मुझे कोई भी काम नहीं
करना पड़ेगा आजीवन मेरे पास खाने के लिए हर तरह की चीजें होंगी मेरे पास नौकर चाकर
होंगे रमेश ने आधा दिन गुजार दिया दोपहर में खाना खाने के बाद रमेश सो गया जब वह
सो कर उठा तो उसने देखा अभी तो बहुत समय है गुरुजी के आने पर अब सोचा जाए किस
पत्थर के साथ मैं क्या क्या कर सकता हूं | उसने यह
विचार बनाया कि वो बाजार
जाकर बहुत सारी लोहे की चीजों को खरीद लाएगा और लोहे की उस बहुत सारे कबाड़
को उस पत्थर के द्वारा सोने में बदल देगा लेकिन फिर भी रमेश के ऊपर उसका आलस्य
हावी था वह अपनी कुटिया से निकलकर बाजार तक जाने में भी आलस्य कर रहा था वह
बार-बार यह सोचा था कितना सारा लोहे का कबाड़ा मुझे डोकर इस कुटिया तक लाना पड़ेगा
बहुत सोचने के बाद उसने दृढ़ निश्चय किया और वो बाजार तक जाने के लिए चल निकला वो बार-बार मन
में यह सोच रहा था की गुरुजी ने मुझे इतना अच्छा मौका दिया है लेकिन सिर्फ एक दिन का समय
क्यों नहीं दिया
| काश गुरुजी आने में थोड़ी देरी कर देते दो-चार दिन लगा देते
तो मुझे मौका मिल जाता मैं बहुत सारी चीजों को सोने में बदल देता मेरी जिंदगी बदल
जाती धीरे-धीरे वह बाजार की तरफ बढ़ रहा था लेकिन वो अपने ख्यालों में इतना खोया
हुआ था कि वो काफी धीरे-धीरे चल रहा था | रास्ते में
उसने देखा की गुरुजी कुटिया की तरह से लौट रहे हैं | वह गुरुजी
के पास गया उसने पूछा अरे गुरु जी आपको तो रात को लौट कर आना था आप इतनी जल्दी
कैसे वापस आ गए
| गुरुजी ने बोला कि मैंने अपना काम जल्दी निपटा लिया लाओ मुझे
वो काला पत्थर वापस कर दो |
रमेश
गुरु जी के पैरों में गिरकर रोने लगा कहा कि मुझे एक दिन का समय और दे दीजिए | गुरुजी ने
कहा बिल्कुल नहीं
| मैं तुम्हें ये पत्थर केवल एक दिन के लिए
दिया था | अब
समय आ गया है तुम इसको मुझे लौटा दो | रमेश क्या
कर सकता था उसे वह पत्थर गुरुजी को लौटाना पड़ा लेकिन रमेश एक बात समझ गया की अपने
आलस्य और ज्यादा सोचने की अपनी इस कमी के वजह से आज उसने इतना बड़ा नुकसान उठा
लिया | उसे
काफी दुख हो रहा था तब गुरुजी ने बताया कि देखो ये एक मामूली पत्थर है | ये किसी चीज
को सोने में नहीं बदल सकता मैंने केवल तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए और तुमको यह
जताने के लिए कि तुम बहुत ही ज्यादा आलसी हो और ये बात तुम्हें ही नुकसान
पहुंचाएगी |
मैंने ये पत्थर तुम्हें एक दिन के लिए
दिया था | तुम
चाहते तो इसका इस्तेमाल करके तुरंत सच को जान लेते लेकिन तुम अपने आलस्य और अधिक
सोचने की प्रवृत्ति के कारण इस पत्थर की हकीकत को नहीं जान पाए तुम बस अपने
ख्यालों में खोए रहे और अंत में तुम्हें केवल दुख मिला | इसलिए आज से
अपनी आलस्य वाली प्रवृत्ति को और अधिक सोचने वाली प्रवृत्ति को खत्म कर दो | इस घटना के
बाद रमेश तो सुधर गया |
लेकिन
इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो केवल ख्याली पुलाव पकाते रहते हैं अपने
आलस्य के कारण किसी काम को शुरू ही नहीं करते और उनका पूरा जीवन केवल सोचने
विचारने में ही निकल जाता है | यदि आप सफल , सुखी , भाग्यशाली
और धनी बनना चाहते हैं तो आलस्य को और अपने काम को कल पर टालने वाली आदत को खत्म
कर दीजिए | जब
भी आपके मन में किसी काम को टालने का विचार आए तो खुद से बस एक सवाल कीजिए – आज ही क्यों
नहीं |
दोस्तों इस कहानी से हमें ये प्रेरणा मिलती है की कभी भी किसी काम को कल के लिए नहीं टालना चाहिए | क्योंकि किसी भी काम को करने के लिए ना कोई समय खराब होता है ना कोई अच्छा समय होता है | लेकिन अगर हम समय को गवाते जाते हैं | चीजों को कल पर टालते जाते हैं तो हमारी यह आदत सिर्फ और सिर्फ हमारे लिए ही नुकसानदायक साबित हो जाती है |
आप लोगों ने तो यह कहावत कई बार सुनी होगी | काल करे सो आज कर आज करे सो अब | लेकिन यह सिर्फ एक कहावत नहीं है इसका हमारी जिंदगी में बहुत बड़ा महत्व है |
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